कार्ल मार्क्स का क्लास स्ट्रगल दो तरह के लोगो की बात करता है - बुर्जुवा और सर्वहारा - एक जिसके पास सब कुछ है और दूसरा वो जिसके पास नहीं के बराबर. लेकिन अब एक और क्लास है - वो जो सामजिक तौर पर तो बुर्जुवा पर आर्थिक रूप से सर्वहारा. वाम चिंतन में यह वर्ग परिभाषित नहीं; इनकी दुर्दशा खबर नहीं बनती और न ही उनके हालात पर आंदोलन होते हैं-
--- दैनिक जागरण 28 फरवरी 2016 इलाहाबाद एडिशन
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